नई दिल्ली. सुप्रीम
कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले में कहा कि लोक सेवकों के रिश्वत लेने के मामलों
में प्रत्यक्ष सबूत नहीं होने पर परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर सजा हो सकती है।
मृत्यु या अन्य कारणों से शिकायतकर्ता के प्रत्यक्ष सबूत उपलब्ध नहीं होने पर भी
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोक सेवक को दोषी ठहराया जा सकता है। 5
जजों की संविधान पीठ ने एक मामले पर सुनवाई के बाद यह फैसला
सुनाया। पीठ में जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, जस्टिस
बी.आर. गवई, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन, जस्टिस
बी.वी. नागरत्न व जस्टिस ए.एस. बोपन्ना शामिल हैं। पढे़ं
रिश्वत...
सुनवाई 22 नवंबर को पूरी होने के बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित
रखा था। सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने 2019 में
मामला संविधान पीठ को सौंपते हुए सवाल किया था कि क्या रिश्वत मांगने या देने के
संबंध में प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव में परिस्थितिजन्य अनुमानों के आधार पर
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोष सिद्धि हो सकती है?
संविधान पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता के प्रत्यक्ष या प्राथमिक
साक्ष्य के अभाव में अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रस्तुत अन्य साक्ष्यों के आधार पर
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2), धारा 7
और धारा 13 (1)(डी) के तहत लोक सेवक के अपराध का निष्कर्ष
निकालने की अनुमति है।
लोक सेवक शब्द की
परिभाषा को संसद और सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुके हैं। इसके मुताबिक कोई भी
व्यक्ति, जिस पर लोक कर्त्तव्य है और उसके निर्वहन के लिए सरकार से
पारिश्रमिक मिल रहा है, लोक सेवक माना जाएगा।
मोबाइल-गैजेट्स के चक्कर में टाल रहे नींद, मिल
रही अनिद्रा की बीमारीबीते कुछ वर्ष में ज्यादा बिगड़ी आदतजानबूझकर या मजबूरीवश
टाली जाने वाली नींद कर रही खिलवाड़ऐसे केस आ रहे सामने
रोज आ रहे एक तिहाई मरीज
मनोरोग विशेषज्ञ
डॉ.राकेश खंडेलवाल के अनुसार उनके पास रोजाना इस बीमारी के एक तिहाई मरीज आ रहे
हैं। आजकल सबसे ज्यादा इन्सोम्निया लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के कारण हो रहा है। युवा
पीढ़ी की अनियमित दिनचर्या नींद बनाने वाले हार्मोन कम कर देती है।
पलंग पर सिर्फ सोएं, खाएं-पीएं नहीं
विशेषज्ञों के
अनुसार पलंग का इस्तेमाल सिर्फ सोने और नींद के लिए होना चाहिए, लेकिन
आजकल लोग वहीं खाना खाने, फोन चलाने और पढ़ाई के लिए भी इसका इस्तेमाल
करते हैं। जिससे नींद का संबंध टूट जाता है, जो इन्सोम्निया का मुख्य कारण
है।
जयपुर. जानबूझकर
या मजबूरीवश टाली जाने वाली नींद लोगों की सेहत से बड़ा खिलवाड़ कर रही है।
भागदौड़ भरी जिंदगी और कामकाज की अत्यधिक व्यस्तता सहित देर रात तक मोबाइल और
गैजेट्स में आंखें गड़ाए रखने की आदत ने 13 से 15 प्रतिशत
लोगों को अनिद्रा की बीमारी (इन्सोम्निया) का शिकार बना दिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार रात
को बेवजह देर तक जागने, देर रात तक मोबाइल और गैजेट्स का इस्तेमाल
करने,रात भर मोबाइल में वेब सीरीज देखने से यह
बीमारी पालना लापरवाही है। देर रात तक कामकाजी दिनचर्या और सुबह जल्द उठने की
आवश्यकता को मजबूरी माना जा सकता है। लेकिन ये दोनों ही कारण इस बीमारी को तेजी से
बढ़ा रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार अनिद्रा की बीमारी नई नहीं है, लेकिन
मोबाइल का इस्तेमाल करने के लिए लंबे समय तक जागने की आदत बीते कुछ वर्ष में ही
बढ़ी है। जिसके कारण इन दिनों शहर के अस्पतालों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही
है।
जौहरी बाजार
निवासी 18 वर्षीय छात्र को इन्सोम्निया है। देर रात तक
कम्प्यूटर गेम खेलने, मूवी देखने और अपने दोस्तों से देर रात तक
चैटिंग करने से वह इस बीमारी की चपेट में आ गया। उसे सुबह 5 बजे
तक नींद नहीं आती और स्कूल में पूरे दिन थकान रहती थी। परीक्षाओं में नंबर कम आने
लगे,एकाग्रता और याददाश्त भी कमजोर हो गई।
एकाग्रता कम होने से उसका एक बार एक्सीडेंट भी हो गया। सिर दर्द और बीपी की समस्या
भी रहने लग गई। काफी लम्बे समय से काउंसलिंग चल रही है।
इस तरह करें बचाव
● स्क्रीन
टाइम कम करें
● इलेक्ट्रॉनिक
गैजेट्स और मोबाइल से देर रात दूरी बनाएं
● निर्धारित
समय पर भोजन लें, रात को जल्दी सोएं
● देर रात चाय, कॉफी
का सेवन करने से बचें
पेरू के रेगिस्तान में मिले 168 प्राचीन रेखाचित्रविश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिलपहले भी मिले थे, इस बार रहस्यमय स्कैच
ज्यादा बड़े
लीमा. लैटिन
अमरीकी देश पेरू के नाज्का रेगिस्तान में जापानी शोधकर्ताओं ने 168 बड़े
रेखाचित्रों की खोज की है। ये रहस्यमय रेखाचित्र इंसान, चिड़िया, व्हेल
मछली, सांप, बिल्ली, बंदर
आदि के हैं। कई लोग इन्हें एलियंस से जोड़कर देख रहे थे, लेकिन
जापान के यामागाता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि रेखाचित्र 100 ईसा
पूर्व से 300 ईस्वी के बीच बनाए गए। यूनिवर्सिटी के
शोधकर्ता अमरीका के आइबीएम थॉमस जे. वाटसन रिसर्च सेंटर के साथ काम कर रहे हैं, ताकि
पेरू के पूरे पुरातात्त्विक स्थल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से स्कैन
किया जा सके। एआइ से पूरे इलाके के उन चित्रों की भी पहचान हो सकेगी, जिन्हें
इंसानी आंखों से अब तक नहीं देखा जा सका है। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा कि
रेखाचित्रों के विश्लेषण से हमें इनके बारे में और स्पष्टीकरण मिल सकता है।
पेरू की
नाज्का लाइंस सदियों से पुरातत्त्वविदों को आकर्षित कर रही है। यूनेस्को ने इसे
विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया है। यह पेरू की राजधानी लीमा से 400 किलोमीटर
दूर है। पुरातात्विक सर्वेक्षणों में पहले पाया गया था कि प्राचीन लोगों ने साधारण
उपकरणों और सर्वे करने में इस्तेमाल होने वाली चीजों की मदद से इन रेखाचित्रों का
निर्माण किया। पढे़ं पेरू @पेज 22
पेरू...
1939 में
पायलट ने खोजा था स्थल
नाज्का लाइंस को मूल रूप से जमीन के काले या
लाल रंग के पत्थरों को हटाकर बनाया गया था। इस इलाके की खोज 1939 में
एक पायलट ने की थी। यहां पहले भी कई प्राचीन रेखाचित्र मिल चुके हैं, लेकिन
वे इस बार मिले रेखाचित्रों की तरह बड़े नहीं थे। माना जा रहा है कि अब भी वहां
सैकड़ों रेखाचित्र छिपे हो सकते हैं।
अग्नि-5 का परीक्षण, 5500 किमी दूर साधा निशाना
चीन की चिंता
अग्नि-5 मिसाइल
अपनी मारक क्षमता के कारण चीन के लिए चिंता का सबब है। इस मिसाइल के परीक्षण के
बाद चीन के प्रमुख शहर भारत की जद में हैं। चीन का कहना है कि अग्नि-5 की
मारक क्षमता 8000 किलोमीटर तक है। इसकी जद में पूरे एशिया और
यूरोप के 70 फीसद हिस्से है।
नई दिल्ली. भारत
ने गुरुवार रात को परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल
परीक्षण किया। मिसाइल ने 5500 किलोमीटर से अधिक दूर स्थित लक्ष्य पर
सफलतापूर्वक निशाना साधा। अग्नि-5 मिसाइल 1500 किलोग्राम
तक परमाणु हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसका वजन 50 हजार
किग्रा है। मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है। इसका व्यास 2 मीटर
है। वैज्ञानिकों ने इसकी क्षमता 5000 किमी. से अधिक बताई है।
मिसाइल को डीआरडीओ व भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। मिसाइल का परीक्षण
ओडिशा स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया। भारत ने यह परीक्षण तब किया जब
तवांग में चीन के साथ तनाव चरम पर है।
राहुल गांधी आज जयपुर में, भारत
जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरेजवाहर कला
केंद्र में प्रदर्शनी का अवलोकन करने भी जाएंगे राहुल
(विधानसभा चुनाव को लेकर
कांग्रेस ने फेंकासियासी
जयपुर . कन्याकुमारी
से कश्मीर तक के सफर में भारत जोड़ो यात्रा ने सौ दिन पूरे कर लिए हैं। जनवरी के
अंतिम सप्ताह में यह यात्राकश्मीर पहुंचेगी। यात्रा के अब तक के अनुभवों की
जानकारी के लिए राहुल गांधी शुक्रवार को अस्पताल रोड स्थित पीसीसी वार रूम में प्रेस
कॉन्फ्रेंस करेंगे। राहुल गांधी शाम को अलबर्ट हाल में आयोजित एक सांस्कृतिक
कार्यक्रम में भी भाग लेंगे। भारत जोड़ो यात्रा इस समय दौसा जिले में है। यहां से
यात्रा अलवर होते हुए हरियाणा मेंप्रवेश करेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल गांधी सरकार
के चार साल पूरे होने के उपलक्ष में जवाहर कला केंद्र में आयोजित एक प्रदर्शनी का
अवलोकन करेंगे।
जनवरी-अप्रेल में होगी परीक्षा, आवेदन
शुरू
कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने
गुरुवार रात नोटिफिकेशन जारी कर जेईई मेन-2023 परीक्षा की तिथियां घोषित
कर दी। जनवरी सेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 15 दिसम्बर रात 9 बजे
से ही शुरू कर दी गई। अंतिम तिथि 12 जनवरी तक है। परीक्षा 24 से 31 जनवरी
के बीच होगी। अप्रेल सेशन की आवेदन प्रक्रिया 7 फरवरी से 7 मार्च
के मध्य होगी। परीक्षा 6 से 12 अप्रेल के मध्य होगी। इस
वर्ष जेईई-मेन परीक्षा पूर्णत: सीबीटी मोड पर देश के 399 परीक्षा
शहरों एवं विदेश के 25 शहरों में संपन्न होगी। राजस्थान में 17 शहरों
में परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं।
शुल्क में बढ़ोतरी
सामान्य, ईडब्ल्यूएस
एवं ओबीसी के छात्रों से एक हजार रुपए एवं छात्राओं के लिए 800 रुपए, एससी-एसटी
एवं पीडब्ल्यूडी छात्र-छात्राओं के लिए 500 रुपए शुल्क रखा गया है।
डिजिटल हुई हमारी बसें, ऐप से लोकेशन देखें, टिकट बुक करें
जयपुर. स्वेज
फार्म के पास (सुल्तान नगर इलाका) तेज रफ्तार एसयूवी कार की टक्कर से 90
फीट ऊंचा हाईटेंशन लाइन का टावर गिर गया। टावर का ऊपरी हिस्सा
बहुमंजिला इमारत पर जा गिरा और झूल गया। कार भी टावर में ही अटक गई। दुर्घटना की
खबर फैलते ही स्थानीय लोग सहम गए। सेंसर की वजह से बिजली सप्लाई बंद हो गई। गनीमत
रही कि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। यहां से 132 केवी
क्षमता की लाइन गुजर रही है और फिलहाल क्षेत्र में सप्लाई दूसरी लाइन से कर रहे
हैं। टावर को टक्कर मारने वाली कार हरियाणा नम्बर की है और घटना के बाद चालक फरार
है। राज्य विद्युत प्रसारण निगम के सहायक अभियंता ने महेश नगर थाना में गुरुवार को
मामला दर्ज करवाया है। दुर्घटना बुधवार आधी रात बाद की है। एसयूवी से शराब की बोतल
पर लगे रैपर व पाउच मिले हैं।
यह है स्थिति
मानसरोवर से चम्बल हाउस के बीच का सप्लाई सेक्शन बंद है। फिलहाल
स्टेशन रोड स्थित नला पावर हाउस से सप्लाई शुरू की गई है।
मौके पर टावर और क्षतिग्रस्त लाइन हटाने का काम शुरू कर दिया गया
है। नया टावर लगाने से लेकर सप्लाई शुरू करने में 15 दिन का
समय लगेगा।
लागत 35 से 40 लाख रुपए
आएगी।
कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि टावर का नीचे का मजबूत हिस्सा पूरी
तरह क्षतिग्रस्त हो गया। बिजली सप्लाई बंद है और नया टावर लगाने के लिए काम शुरू
कर दिया है। पुलिस जांच कर रही है। -हरभजन
सिंह, सहायक अभियंता, राज्य
विद्युत प्रसारण निगम
फोटो : दिनेश डाबी
जयपुर. डिजिटलाइजेशन
के दौर में अब बसें भी डिजिटल हो गई हैं। एक तरफ जेसीटीएसएल ने ऐप के माध्यम से
बसों की लोकेशन लाइव कर दी है। वहीं रोडवेज ने अब बसों के भीतर टिकट बुकिंग यूपीआई
के माध्यम से करने की सुविधा दे दी है। इन दोनों सुविधाओं से लाखों यात्रियों की
राह सुलभ होगी।
रोडवेज : तीन हजार बसों
में क्यूआर कोड से टिकट बुकिंग
रोडवेज की सभी तीन हजार बसों में किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं
सभी बैंको के क्यूआर कोड से टिकट का भुगतान किया जा सकेगा। इस सुविधा का गुरुवार
को मुख्य सचिव उषा शर्मा व रोडवेज अध्यक्ष आनन्द कुमार ने क्यूआर कोड जारी किया।
रोडवेज के प्रबन्ध निदेशक नथमल डिडेल ने बताया कि बसों में परिचालक
के पास ईटीआईएम मशीन में क्यूआर कोड उपलब्ध होगा। जिसे स्कैन कर भुगतान किया जा
सकेगा। इससे टिकट प्रिन्ट होकर प्राप्त हो जाएगा।
जेसीटीएसएल की लो-फ्लोर व मिडी बसों का इंतजार अब आपको बस स्टॉप पर
खड़े होकर नहीं करना पड़ेगा। जेसीटीएसएल ने अपना ऐप लॉन्च कर दिया।
ऐप पर जेसीटीएसएल का लोगो देखकर ही डाउनलोड करें। शहर में 300
में से करीब 260 बसों को
ऐप से जोड़ दिया गया है। इनकी लोकेशन ऐप पर देखी जा सकती है।
प्ले स्टोर पर जेसीटीएसएल लिखकर सर्च करें और लोगो देखकर ऐप
डाउनलोड करें।
ऐप पर फोन नंबर डालकर अपना अकाउंट बनाएं।
यात्री अपनी लोकेशन के नजदीक बस स्टॉप व नजदीकी बसें देखी जा सकती
हैं।
आपको कहां से कहां जाना है, यह
जानकारी डालकर भी नजदीकी बसें देखी जा सकती हैं।
ईटीआईएम मशीन में क्यूआर कोड
बोर्ड-निगमों के पेंशनर्स के लिए उपचार
आसानपत्रिका
ने प्रमुखता से उठाया था मुददा
पत्रिका
ने 4 दिसंबर को आउटडोर लिमिट बढ़े तो खरीदे जीवन
रक्षक दवाइयां शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। इसके बाद वित्त विभाग ने बोर्ड,निगमों
के पेंशनर्स का दर्द समझा और आउटडोर में उपचार की नई व्यवस्था की। आरजीएचएस की
परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने बताया कि राज्य पेंशनर्स के समकक्ष की आउटडोर
में उपचार की सुविधा मिलेगी। पेंशनर्स से मिल रहे फीडबैक के आधार पर भी स्कीम की
कमियों को दूर किया जा रहा है। जिससे योजना के तहत लाभार्थियों को बिना किसी
परेशानी के उपचार मिले।
जयपुर. राजस्थान
गवर्मेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएच) बोर्ड-निगम के पेंशनर्स के लिए ’परेशानी
की स्कीम’ साबित नहीं होगी। क्योंकि निगम पेंशर्नस के
आउटडोर उपचार के लिए राज्य सरकार ने नई व्यवस्था कर दी है। जिसके तहत अब स्कीम के
तहत कवर बोर्ड-निगमों के पेंशनर्स को अब आउटडोर इलाज के लिए ’लिमिट
खत्म’ होने जैसी बाध्यता से नहीं जूझना होगा। राज्य
सरकार ने इन पेंशनर्स को भी राज्य पेंशनर्स के समकक्ष माना है। आउटडोर में जितनी
बीमारियों के उपचार की सुविधा राज्य पेंशनर्स को है यही सुविधा बोर्ड-निगम के
पेंशनर्स को भी मिलेगी।
नई व्यवस्था के तहत आउटडोर में बोर्ड-निगम के
पेंशनर्स को भी उपचार की सुविधा मिलना शुरू हो गया है। अब जीवन रक्षक दवाइयों के
लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है। एनके मिश्रा, सेवानिवृत
कार्मिक, बीज निगम
कनिष्ठ अभियंता कृषि का अंतिम परिणाम जारी
जयपुर. राजस्थान
कर्मचारी चयन बोर्ड ने गुरुवार को कनिष्ठ अभियंता कृषि का अंतिम परिणाम जारी कर
दिया। भर्ती में 189 पदों के मुकाबले 157 अभ्यर्थियों
का चयन किया गया है। इनमें नॉन टीएसपी के 144 पदों पर 131 अभ्यर्थी
और टीएसपी में 45 पदों पर 26 अभ्यर्थियों का अंतिम चयन
हुआ है। इसके अलावा बोर्ड ने वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में अपात्र पाए गए 19 और
प्रोविजनल रखे गए 29 अभ्यर्थियों की भी सूची जारी की है।
सरिस्का से निकला बाघ टी-24 अब
अचरोल में ढूंढ रहा ठिकानालोगों को समझा रहे, दूर कर रहे भय
क्षेत्रीय वन
अधिकारी प्रेम शंकर मीणा ने बताया कि बाघ के विचरण क्षेत्र में रह रहे लोगों की
समझाइश कर रहे हैं। उनका भय दूर कर रहे हैं। बाघ ने जिनके मवेशियों का शिकार किया
है। उन्हें उचित मुआवजा दिलाने का भी प्रयास कर रहे हैं। बुधवार को सरिस्का के
फिल्ड डायरेक्टरआरएन मीणा भी अचरोल रेंज में आए थे। उन्होंने भी मौका देखा।
चार
टीमें कर रही पीछा
बाघ
की निगरानी में वन विभाग की चार टीमें जुटी हैं। इसमें दो सरिस्का व अचरोल, जमवारामगढ़
रेंज की एक एक टीम है। रोजाना पगमार्क लिए जा रहे हैं। कैमरा ट्रैप भी लगाए गए
हैं।जयपुर
. सरिस्का के अजबगढ़ को चार
माह पहले छोड़कर जमवारामगढ़ में टैरेटरी बनाने वाला बाघ एसटी-24 अब
राजधानी के पास अचरोल की पहाड़ियों में नया ठिकाना ढूंढ रहा है। राजधानी से महज 35 किमी
दूर एसटी-24 को ट्र्रैक करने के लिए वन विभाग की चार
टीमें चल रही हैं।
दरअसल, अजबगढ़
के जंगल से अगस्त माह में बाघ एसटी 24 अचानक गायब हो गया। 24 अगस्त
को अजबगढ़ से करीब 30 किमी दूर जमवारामगढ़ वन रेंज के सांऊ गांव
में उसकी पुष्टि हुई। उसने यहां मवेशियों को शिकार बनाया था। जिससे
स्थानीय लोगों में आक्रोशित हो गए थे। बाघ की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग की
टीम मॉनिटरिंग में जुट गई थी। आसपास के जंगल पगमार्क दिखे लेकिन टाइगर नहीं मिला। 28 दिन
बाद कैमरा ट्रैप में उसकी तस्वीर कैद हुई। कुछ दिन विचरण करने के बाद टाइगर यहां
से रवाना हो गया और रामगढ़ बांध, निम्बी, टोडा
मीणा होते हुए करीब 30 किमी की दूरी तय कर अचरोल रेंज में पहुंच
गया।
वन अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में जहां
बाघ की मूवमेंट है। वहां पर उसे भोजन-पानी के पर्याप्त इंतजाम है। खासबात यह है कि
यहां उसके प्रतिद्वंद्वी भी कोई नहीं है। यहां वर्चस्व की भी लड़ाई नहीं है। इसलिए
वह बिना किसी भय के वर्चस्व बढ़ानेे के लिए जंगल-जंगल घूम रहा है।
अमृत भारत रथ के जयपुर पहुंचने पर होगा संत समागम
जयपुर. भगवान
परशुराम के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भ्रमण पर निकला विप्र फाउंडेशन का
अमृत भारत रथ 61 दिनों की यात्रा पूरी कर सात जनवरी को जयपुर
पहुंचेगा। इस उपलक्ष में आठ जनवरी को मानसरोवर में अरावली मार्ग स्थित मेला
ग्राउंड में जय-जय परशुराम महामहोत्सव होगा। इसमें होने वाले संत समागम में आचार्य
व विद्वतजनों के साथ ही प्रदेश भर से हजारों विप्रजन जुटेंगे। फाउंडेशन के
संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने बताया कि जयपुर में रथ का शोभायात्रा के साथ स्वागत
किया जाएगा। अरुणाचल में बन रहे परशुराम कुंड तथा भगवान परशुराम के समतामूलक संदेश
से जन-जन को अवगत करवाने के लिए कांचीपुरम के कांची मठ से 8 नवम्बर
को आरंभ हुई यात्रा का प्रथम चरण जयपुर में पूरा होगा। राष्ट्रीय सचिव विष्णु
पारीक ने बताया कि महामहोत्सव के लिए 101 सदस्यीय आयोजन समिति गठित
की है। वहीं, परशुराम मूर्ति स्थापना संयोजक, विधायक
धर्मनारायण जोशी ने गुरुवार को जयपुर स्थित फाउंडेशन के कैम्प कार्यालय में
महामहोत्सव तैयारियों की समीक्षा की।
जयपुर में मार्च तक पाइप लाइन से
पहुंचेगी घरेलू गैस
कालवाड़
रोड, झोटवाड़ा और विद्याधर नगर
में जारी होंगे 10 हजार कनेक्शन
जयपुर. पाइप
लाइन से रसोई तक घरेलू गैस पहुंचाने के लिए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का काम
तेजी पर है। पहले चरण के तहत मार्च, 23 में कालवाड़ रोड़, झोटवाड़ा, विद्याधर
नगर और महेन्द्रा सेज में 10 हजार कनेक्शन से सिटी गैस सर्विस की शुरुआत
की जाएगी। माइंस व पेट्रोलियम विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को राज्य
में पाइपलाइन के जरिए रसोई तक गैस पहुंचाने के काम का जिम्मा संभाल रही सभी 14 संस्थाओं
के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि सिटी गैस वितरण सिस्टम के तहत
प्रदेश में 8 साल में 96 लाख घरेलू गैस कनेक्शन पाइप
लाइन के जरिए जारी करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि सीएनजी गैस वितरण के
लिए 1187 स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। साथ ही 37,824 इंच
किमी पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
सीखने के लिए प्रशिक्षक
जयपुर में
टैक्नोहब और अन्य शहरों में आइस्टार्ट सेंटर में युवा बिजनेस आइडिया के साथ आइ
स्टार्ट नेक्स्ट की वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन की स्वीकृति के
लिए सबसे पहले स्टार्टअप आइडिया देखा जाता है। निर्धारित चैकलिस्ट पर खरा उतरने पर
स्टार्टअप को वहां जगह मिल जाती है। किसी भी उम्र या सेक्टर से सम्बद्ध व्यक्तिइसमें
जुड़ सकता है। बेहतर और अलग आइडिया होने पर सरकार फंडिंग कर रही है।
निर्धारित चैकलिस्ट पर खरा
उतरने पर मिल रहा स्थान।
युवाओं का
मार्गदर्शन करने व सहयोग देने के लिए उद्यमिता से जुड़े कई लेक्चर कराए जा रहे
हैं। अभी 50 सेक्टर में स्टार्टअप्स पर काम चल रहा है।
इनमें एग्रीकल्चर, एजुकेशन, हेल्थकेयर, आइटी, फाइनेंस, ट्रेवल-टूरिज्म, फूड
संबंधी स्टार्टअप्स मुख्य हैं। विज्ञापन, मार्केटिंग, एयरोनॉटिक्स, एनीमेशन, ऑटोमोबाइल, खेल, सोशल, टेलीकम्यूनिकेशन, ट्रांसपोर्ट, केमिकल, कंस्ट्रक्शन, मेट्रोमोनियल, पैट्स
एंड एनिमल व अन्य से भी युवा जुड़े हैं।
...और
फिर फंडिंग
स्टार्टअप्स को
सरकार की ओर से ग्रांट और लोन दिया जा रहा है। ऐसे स्टार्टअप के चयन के लिए थर्ड
पार्टी है। ऐसे चयनित स्टार्टअप को तीन अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है, जिसमें
गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज शामिल है। इसी आधार पर
फंडिंग ग्रांट तय होती है। 2 से 25 लाख
रुपए तक की ग्रांट मिलती है। नीति के तहत सीड फंड के तहत 2 लाख
रुपए तक, पायलट असिस्टेंस के लिए 10 लाख
रुपए तक और टेक्नो फंड के तहत 25 लाख रुपए तक की वित्तीय
सहायता दी जा रही है।
यूनिकॉर्न बने राजस्थान के दो स्टार्टअप, जमाई धाकराजस्थान से दो स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन चुके हैं। इनमें पहला कार देखो व दूसरा डील
शेयर का है। यूनिकॉर्न कंपनी बनने का मतलब, ऐसी कंपनी से है जिनकी
बाजार में वेल्यूएशन करीब 8000 करोड़ रुपए (करीब एक बिलियन डॉलर) है।
कार देखो
पुरानी और
नई कारों को बेचने वाला प्लेटफार्म कार देखो स्टार्टअप से यूनिकॉर्न बन चुका है।
वर्ष 2021 में कार देखो राजस्थान का पहला यूनिकॉर्न बना
था। जयपुर के दो भाईयों (अनुराग व अमित जैन) ने वर्ष 2008 में
कार देखो की शुरुआत की थी। शुरुआती दो वर्षों में इनकी वेबसाइट पर अच्छा
ट्रेफिकआने लगा। धीरे-धीरे निवेशकों को भी लुभाने लगी। वर्ष 2021 में
कम्पनी की वेल्यूएशन एक अरब डॉलर को पार कर गई।
डील शेयर
डील शेयर यूनिकॉर्न बनने वाला राजस्थान का
दूसरा स्टार्टअप है। यूनिकॉर्न की सूची में कंपनी का नाम इसी वर्ष जुड़ा है। डील
शेयर की स्थापना 2018 में स्टार्टअप के तौर पर की गई थी। कंपनी
टियर 2 और टियर 3 शहरों में ऑनलाइन किराना
कॉमर्स बाजार उपलब्ध करवा रही हैं। वे बड़े की बजाए छोटे ब्रांडों से और सीधे
फैक्ट्री से सौदे कर निम्न मध्यम वर्ग को ऑनलाइन कारोबार से जोड़ रहे है।
हिमाचल के सीएम व डिप्टी सीएम जयपुर पहुंचे
राहुल गांधी की भारत जोड़ो
यात्रा में जुड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने
उनका स्वागत किया।
जयपुर. हिमाचल
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री
गुरुवार रात जयपुर पहुंचे। इनके साथ हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी सीएम
के साथ ही आए। ये सभी शुक्रवार को भारत जोड़ो यात्रा और अल्बर्ट हॉल पर आयोजित
कार्यक्रम में शामिल होंगे। एयरपोर्ट पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश
जोशी, विधायक रफीक खान, अमीन
कागजी, गंगा देवी के अलावा मनोज मुद्गल सहित अन्य
वरिष्ठ कार्यकताओं ने स्वागत किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी
शुक्रवार को जयपुर आ सकते हैं।
पहले चुनाव जीतेंगे, फिर
तय करेंगे मुख्यमंत्री कौन होगा: जयराम रमेशसमानांतर विधायक दल बैठक
प्रकरण पर कहा, जांच अभी जारी है
अल्बर्ट
हॉल का नाम बदलने को कहा?
भारत
जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होने जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर होने
वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस अल्बर्ट हॉल के नाम पर भी रमेश ने सवाल उठाते
हुए कहा कि अल्बर्ट क्वीन विक्टोरिया के पति थे। अब 2022 में
इस नाम का क्या औचित्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इसका नाम बदलने को
कहा है। जयराम ने कहा कि यह उनके व्यक्तिगत विचार हैं।
स्वीकारा, कांग्रेस
संगठन हुआ कमजोर
एक
सवाल पर रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा, चुनाव जीतो यात्रा नहीं है।
इसका एक मकसद संगठन को मजबूत करना है। एकजुटता व अनुशासन का पालन नहीं करेंगे तो
चुनाव में सकारात्मक नतीजे नहीं मिलेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि हम कमजोर हुए
हैं। गुजरात में प्रदर्शन निराशाजनक है।
जांच
जारी है...
समानांतर
विधायक दल की बैठक प्रकरण में चल रही जांच के सवाल पर रमेश ने कहा कि जांच ऑनगोइंग
है, जिसका मतलब है कि जांच अभी चल रही है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा कि जांच के बाद रिपोर्ट सौंपी जाएगी। फिर उस पर
निर्णय होगा।
चीन
के मुद्दे पर केन्द्र को घेरा : खेड़ा ने कहा कि चीन के
मुद्दे पर केन्द्र व पीएम मोदी का मुंह बंद रहता है। संसद में सरकार इस मुद्दे पर
चर्चा नहीं करती। हमारे सैनिक चीन को खदेड़ना चाहते हैं, लेकिन
प्रधानमंत्री चीन को क्लीन चिट दे देते हैं।
दौसा. कांग्रेस
ने अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नया सियासी पत्ता फेंक
दिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को साफ संकेत दिए कि पार्टी बिना
सीएम चेहरे के चुनाव में उतरेगी। चुनाव जीतने के बाद तय किया जाएगा कि कौन
मुख्यमंत्री बनेगा। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान डिडवाना में प्रेस वार्ता में रमेश
ने एक सवाल पर कहा कि पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। किसी एक व्यक्ति को नहीं
जिताएंगे, बल्कि पार्टी को जिताएंगे। अपनी बात को और
साफ करते हुए वे बोले... व्यक्ति आते हैं, जाते हैं। पद ग्रहण करते
हैं, हटते हैं। लेकिन संगठन सर्वोपरि है। वह
बरकरार रहता है। संगठन पहले चुनाव लड़ेगा और जीतेगा। इसके बाद तय किया जाएगा कि
मुख्यमंत्री कौन बनेगा। पार्टी को जिताने के लिए सभी एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दें
नई दिल्ली राष्ट्रीय
लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को लोकसभा
में एक विधेयक की चर्चा के दौरान राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित मानगढ़ धाम को
राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की मांग की। सांसद ने कहा कि मानगढ़ धाम में हुई
आदिवासी भाइयों की शहादत राष्ट्र को सदैव प्रेरित करती है। गत दिनों प्रधानमंत्री
स्वयं वहां गए, लेकिन उन्होंने इस मांग पर कोई घोषणा नही की।
प्रक्षेपण से 94 मिलियन
डॉलर का राजस्व मिला
नई दिल्ली इसरो
की ओर से पिछले 5 साल में 177 उपग्रहों के प्रक्षेपण से
भारत को करीब 94 मिलियन डॉलर का राजस्व मिला है। केन्द्र
सरकार ने राजस्थान से भाजपा के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी के सवाल के जवाब
में यह जानकारी दी है। दरअसल, तिवाड़ी के सवाल के जवाब
में केन्द्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी।
‘नेटीरी’ के साथ मैं समानांतर जिंदगी जीती हूं- जो सैल्दानिया
‘अवतार:
द वे ऑफ वॉटर’ आज थिएटर में रिलीज हो रही है। 13 साल
बाद जो सैल्दानिया फिल्म में ‘परग्रही योद्धा’ नेटीरी
की भूमिका में नजर आएंगी। एक इंटरव्यू में सैल्दानिया ने इस किरदार और उससे जुड़े
इमोशन के बारे में बताया। सैल्दानिया का कहना है कि इतने साल बाद भी नेटीरी उनके
दिल के करीब है। इंटरव्यू में सैल्दानिया से पूछा गया कि 13 साल
बाद नेटीरी के किरदार में वापस आना कितना मुश्किल था। इस पर उनका जवाब था, ‘नेटीरी
के किरदार में खुद को वापस ढालना आसान काम नहीं था। हालांकि, यह
बहुत मजेदार अनुभव रहा, क्योंकि जब आप किसी चीज से एक रिश्ता महसूस करते
हैं, तो आप उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। मैं
नेटीरी के साथ ही अपनी एक सामानांतर जिंदगी जीती हूं। यह किरदार मानसिक रूप से
बहुत मजबूत है और इस पार्ट में उसे अपने बच्चों को भी बचाना है।’
जटिल शख्सियत है नेटीरी
सैल्दानिया कहती
हैं, ‘नेटीरी और मेरे बीच कई समानताएं हैं। उसकी
तरह मैं भी निडर हूं। हम दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। नेटीरी ने बाहरी दुनिया के
व्यक्ति से प्यार किया और परिवार भी बसाया। यह उसके लिए चुनौती भी है और दुविधा
भी। जिससे नफरत करनी है, उसी से प्यार करने के लिए साहस चाहिए। नेटीरी
परतों में लिपटी जटिल शख्सियत है।’
मातृत्व है फिल्म की शक्ति
निजी जिंदगी
में सैल्दानिया तीन बच्चों की मां हैं। वह कहती हैं, ‘फिल्म में नेटीरी मां की
भूमिका में हैं, यही हमें जोड़ता है। मातृत्व ही फिल्म की असल
शक्ति है। मैंने नेटीरी के सफर को महसूस किया है। मां बनने के बाद, परिवार
और बच्चों को खो देने का डर हम पर स्वत: हावी हो जाता है। जब तक आप माता-पिता नहीं
बनते, तब तक आप निडर होते हैं। आप डर तब सीखते हैं, जब
आपके बच्चे होते हैं। जेक और नेटीरी इसी जिम्मेदारी से बंधे हुए हैं।’
इंडियन ही नहीं जर्मन और स्पेनिश भी ‘डिस्टेंस फियर’ के शिकारइलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाने के लिए राजनीतिक, मानसिक
और आर्थिक सपोर्ट जरूरीपेट्रोल-डीजल 40 फीसदी हुआ महंगा
जयपुर. आमतौर
पर हम लोग इलेक्ट्रोनिक वाहनों को छोटी दूरी के लिए उपयोगी मानते है ऐसी सोच
इंडियन ही नहीं जर्मनी और स्पेन के लोग भी रखते हैं। जर्मन और स्पेन की
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों का मानना है कि पेट्रोल व डीजल जैसे फ्यूल से चलने वाले
वाहनों को इलेक्ट्रिक माध्यम में बदलने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों
ने कहा कि डिस्टेंस फियर की वजह से ज्यादा दूरी की यात्रा के लिए इलेक्ट्रिक
वाहनों का उपयोग करने से लोग डरते हैं लेकिन इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलने के
साथ काम करने की आवश्यकता है। एमएनआइटी जयपुर में चल रही इंटरनेशनल सॉफ्ट
मेटेरियल्स कॉन्फ्रेंस में 16 देशों के 217 विशेषज्ञों
जुटे हैं। जो नेनो टेक्नोलॉजी, हाईड्रोजन फ्यूज सहित अन्य
मुद्दों पर मंथन कर रहे हैं। जर्मनी से आए प्रोफेसर प्रशांथ डब्लू. मैनेजेस ने कहा
यूक्रेन और रूस वॉर की वजह से पेट्रोल व डीजल के दामों में बहुत इजाफा हो गया।
जर्मनी में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में बीस फीसदी तक सब्सिडी देने के साथ वाहन
निर्माता कंपनियों को कई सुविधाएं दी गई है।
हाइड्रोजन
फ्यूल पर रिसर्च जारी
टेक्निकल
यूनिवर्सिटी बर्लिन में मेटेरियल्स केमेस्ट्री के एचओडी प्रशांथ ने कहा कि यूरोप, जर्मनी, जापान, अमेरिका
हाइड्रोजन फ्यूल पर काम कर रहा है। हाईड्रोजन से एनर्जी उत्पादन एक अच्छा विकल्प
है। हाइड्रोजन को वाहनों में काम लेने में समस्याएं हैं। जर्मनी में इस साल नौ
बिलियन डॉलर हाइड्रोजन फ्यूल रिसर्च पर खर्च किया जा रहा है। रूस और यूक्रेन युद्ध
के बाद जर्मनी ने प्राकृतिक गैस व पेट्रो केमिकल उत्पादों की सप्लाई बंद होने के
इस पर काम हुआ है।
मैक्स
प्लांक इंस्टिट्यूट फॉर पॉलिमर रिसर्च, जर्मनी के प्रोफेसर
क्रिस्टोफर साइनेचेके ने कहा कि युद्ध के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में चालीस
फीसदी तक इजाफा हुआ। सरकार ने इलेक्ट्रोनिक वाहनों का प्रोत्साहित करने की दिशा
में तेजी से काम किया है। इन वाहनों के निर्माण करने वालों को सुविधाएं दी है इसी
के साथ खरीद पर भी बीस फीसदी तक सब्सिडी दे रहे हैं। इलेक्ट्रोनिक वाहनों की
संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके उपयोग को बढ़ाने के लिए मानसिकता में बदलाव लाना
है विशेष तौर पर डिस्टेंस फियर को दूर करने की जरूरत है।
स्टोरेज
और लीकेज सेंसर की कमी
यूनिवर्सिटी रोबरा स्पेन क
प्रोफेसर एडबर्ड लियोबेट ने कहा कि हाइड्रोजन फ्यूल एक बेहतर एनर्जी सोर्स है
लेकिन वर्तमान में हाईड्रोजन के स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट और लीकेज सेंसर
पर काम करने की आवश्यकता है। हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए हाइटेक टेक्नोलॉजी की
आवश्यकता होती है। कार्बन फ्री एनर्जी फ्यूल का उपयोग बढ़ाना होगा।
गोधरा कांड के दोषी को 17 साल बाद
जमानत
नई दिल्ली. गोधरा
कांड मामले में गुजरात सरकार के कड़े विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद
काट रहे एक दोषी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि दोषी फारूक 2004 से
जेल में है। वह 17 साल जेल में रह चुका है, लिहाजा
उसे जमानत पर रिहा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट बाकी 17 दोषियों की अपीलों पर
छुट्टियों के बाद सुनवाई करेगा।
सीजेआइ डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कोर्ट
में लंबित अपील को लेकर दायर हस्तक्षेप आवेदन पर यह आदेश दिया। दोषी फारूक
पत्थरबाजी में शामिल था। जमानत का विरोध करते हुए गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर
जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह पत्थरबाजी नहीं थी, जघन्य अपराध था। पत्थरबाजों
की मंशा यह थी कि जलती बोगी से कोई यात्री बाहर न निकल सके और बाहर से भी कोई
उन्हें बचाने न जा पाए।
सभी बेघरों को मिले घर, बनाएं
कार्य योजना
कोविड
पर संसदीय समिति की 90% सिफारिशें मंजूर
नई
दिल्ली. सांसद पीपी चौधरी के
नेतृत्व वाली विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने गुरुवार को 13वीं
रिपोर्ट में की गई टिप्पणियों व सिफारिशों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की। इसमें
कहा गया कि सरकार ने ‘कोरोना महामारी वैश्विक प्रतिक्रिया, भारत
का योगदान और आगे का रास्ता' विषयक 13वीं
रिपोर्ट की 90 प्रतिशत से अधिक सिफारिशें स्वीकार की है।
समिति ने 22 सिफारिशों के साथ यह रिपोर्ट गत 24 मार्च
को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखी थी।
नई दिल्ली. लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश के सभी बेघरों को घर मिलना चाहिए। इस तरह की कोई
कार्य योजना बनना चाहिए। इसके लिए उन्होंने शहरी आवासीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से
कहा। दरअसल, प्रश्नकाल में बेघर लोगों को घर उपलब्ध कराने
के सवाल पर पुरी जवाब दे रहे थे। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि बेघर
लोगों के प्रति मंत्री को संवेदनशील होकर सभी राज्य सरकारों से बात करने के लिए
कहा।