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ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब, चोटी पर चढ़ रहे चीनी सैनिकों को खदेड़ा

 

ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब, चोटी पर चढ़ रहे चीनी सैनिकों को खदेड़ा

नई दिल्ली. हमारे जवानों ने पहाड़ियों पर जमी बर्फ के बीच भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के तीन सौ से ज्यादा जवानों को खदेड़ दिया। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को हुई इस घटना की जानकारी सोमवार शाम को सामने आई। बताया जा रहा है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में दोनों ओर से कई जवान जख्मी हुए हैं। भारत के छह जवानों को इलाज के लिए गुवाहाटी स्थित 151 बेस अस्पताल में लाया गया है। चीन के सैनिक भी घायल हुए हैं, लेकिन इनकी संख्या का खुलासा नहीं हो सका है।

सेना की ओर से आधिकारिक तौर इतना ही कहा गया है झड़प के बाद इलाके में शांति बहाल कर दी गई है। तेजपुर स्थित सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने विवादित क्षेत्र में घुसने की चीन की कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया।

चीन की दबाव बनाने की रणनीति

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन एक तरफ भारत के साथ संबंध सुधरने की दुहाई देता है, लेकिन वह साल 2006 से लगातार हर थोड़े अंतराल पर इस तरह की घटनाओं के जरिए दबाव बनाने की कोशिशों में लगा रहता है। इस बार उसने अपनी रणनीति बदली है। पहले छोटे-छोटे सैन्य दल विवादित इलाकों में घुसते थे और अब दो-तीन सौ की संख्या में सैनिक आने लगे हैं। गत वर्ष अक्टूबर और पिछले 9 दिसम्बर को अरुणाचल प्रदेश के इलाकों में हुई घटनाओं से भी इनकी पुष्टि हो रही है। दरअसल, चीन अक्साई चीन के मुद्दे पर भारत पर दबाए बनाए रखना चाहता है और इसके चलते ही वह अरुणाचल को दक्षिण भूटान का हिस्सा बताते हुए इस तरह की हरकतें करता रहता है।

भूटान

कमांडरों ने की फ्लैग मीटिंग...

चीनी सैनिक एक भारतीय चौकी को हटाना चाह रहे थे, लेकिन भारतीय सेना ने इसका मुंह तोड़ जवाब दिया तो चीनी सैनिक भाग गए। पिछले साल अक्टूबर में भी इस इलाके में पीएलए के दो सौ सैनिकों का मूवमेंट विफल किया गया था। सूत्रों का कहना है कि झड़प के बाद भारतीय सैन्य कमांडर ने पीएलए कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग कर शांति बहाली के प्रयास किए हैं। फ्लैग मीटिंग के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई।

गलवान के बाद पहली ऐसी घटना...

गलवान घाटी में ढाई साल पहले हुई खूनी झड़पों के बाद यह पहला मौका है कि चीन और भारत की सेनाओं के बीच आमने सामने की झड़प हुई है। सूत्रों का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तवांग सेक्टर के यांगस्ते इलाके में 300 से ज्यादा चीनी सैनिकों ने बर्फ से घिरी 17 हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की, लेकिन सजग भारतीय जवानों ने पीएलए की इस चाल को नाकाम कर दिया।

 

 

आयकर छूट की सीमा 5 लाख होने की उम्मीद

 

नई दिल्ली. केंद्र सरकार आयकर दाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने पर विचार कर सकती है। दो साल से लागू नई कर व्यवस्था को लेकर कम लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है। अभी तक सिर्फ 10 से 12% आयकर दाता ने ही इस विकल्प को चुना। ऐसे में सरकार स्लैब में बदलाव करने की सोच रही है। मौजूदा समय में सालाना आय 2.50 लाख रुपए तक होने पर करदाता को टैक्स नहीं चुकाना होता है। सरकार का मानना है कि यह सीमा बढ़ने से करदाता के हाथ में पैसा बचेगा और वह अधिक खर्च कर पाएगा। सहमति बनी तो एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर सकती हैं।

आइसीएआइ के सुझाव

 

प्रॉपर्टी डीलर को रोहित गोदारा के नाम सेे दी धमकीमांगे 5 करोड़, फिर धमकाया...नहीं दिए तो नव वर्ष से पहले तेरे 50 गोली मारूंगा

वाट्सऐप पर आया कॉल

प्रॉपर्टी डीलर ने रिपोर्ट में बताया कि 10 दिसंबर की शाम को खाटूश्यामजी से घर लौट रहा था, तभी रास्ते मे वाट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बीकानेर निवासी गैंगस्टर रोहित गोदारा बताया। पीड़ित प्रॉपर्टी के कारोबार के संबंध में कई शहरों में आता जाता रहता है।

 

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस मुख्यालय में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक करते हुए कहा था कि विदेश में बैठे गैंगस्टर राजस्थान में अपराध कर रहे हैं।

इसके दो दिन बाद ही गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम से वाट्सऐप कॉल पर हरमाड़ा के एक प्रॉपर्टी डीलर से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है। प्रॉपर्टी डीलर ने इनकार किया तो गाली गलौच करते हुए कहा कि राजू ठेहट को 25 गोली मारी और विद्याधर नगर में हिम्मत सिंह राजपुरा को चार गोली मारी थी। नव वर्ष से पहले तेरे 50 गोली मारूंगा। पीड़ित ने इस संबंध में रविवार को हरमाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इसके बाद जिला विशेष टीम और क्राइम ब्रांच टीम वाट्सऐप कॉल की तस्दीक में जुट गई। पुलिस उपायुक्त वंदिता राणा ने बताया कि प्रॉपर्टी डीलर को सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई है।

यहां भी नहीं चल सका पता

बजाज नगर में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के नाम से एक कारोबारी से 1 करोड़ रुपए रंगदारी मांगी गई थी। वाट्सऐप कॉल कनाडा से आया था, लेकिन इसके आगे पुलिस कॉल ट्रेस नहीं कर सकी। गोल्डी बराड़ भी विदेश में बैठा है।

वाट्सऐप कॉल करने वाले की तलाश में जिला विशेष टीम व क्राइम ब्रांच जुटी है। तकनीकी टीम भी सर्च कर रही है कि कॉल कहां से आया। इसका पता नहीं चल सका। वंदिता राणापुलिस उपायुक्त पश्चिम

 

भारत जोड़ो यात्रा: राष्ट्रीय सेमिनार आज

जयपुर. राजीव गांधी स्टडी सर्कल, राजस्थान के तत्वावधान में मंगलवार को रामबाग स्थित निजी कॉलेज के सभागार में भारत संकल्पना, राष्ट्रीय लोकजागरण और भारत जोड़ो यात्रा विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार होगी।

स्टडी सर्कल के राज्य सह समन्वयक प्रो.विनोद शर्मा ने बताया कि सेमिनार के साथ लघु नाटिका का मंचन भी होगा। शाम साढ़े 5 बजे कॉलेज परिसर से गांधी सर्कल तक प्रतीकात्मक भारत जोड़ो यात्रा भी आयोजित होगी। मुख्य अतिथि मंत्री डॉ.महेश जोशी होंगे। अध्यक्षता प्रो.बी.एम. शर्मा करेंगे। जोधपुर के पूर्व कुलपति प्रो.पी.सी.त्रिवेदी, राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के उपाध्यक्ष प्रो.डी.एस.चूडावत विशिष्ट अतिथि होंगे।

नई दिल्ली. स्मार्टफोन से शादीशुदा जोड़ों के रिश्तों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। देश के प्रमुख शहरों में किए सर्वे के मुताबिक 88% विवाहित भारतीयों को लगता है कि स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल उनके रिश्तों को नुकसान पहुंचा रहा है।

वीवो ने साइबर मीडिया रिसर्च के साथ मिलकर स्मार्टफोन से रिश्तों पर असर के अध्ययन के लिए यह सर्वे किया। इसमें दिल्ली, मुंबई सहित प्रमुख शहरों के एक हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया। सर्वे में 67% लोगों ने जीवनसाथी के साथ समय बिताते हुए भी फोन पर व्यस्त होने की बात स्वीकार की, जबकि 89% लोगों ने माना कि वह जीवनसाथी के साथ बातचीत में कम समय व्यतीत कर रहे हैं। वहीं 66% का मानना है कि फोन से जीवनसाथी के साथ उनका रिश्ता कमजोर हुआ है।

लोगों ने माना कि स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग से उनके जीवनसाथी के साथ संबंध खराब हो रहे हैं।

अपने जीवनसाथी के साथ बातचीत के लिए अधिक समय देना चाहते हैं। .90%

ने माना कि स्मार्टफोन उनके जीवन का जरूरी हिस्सा बन चुका है।

मानते हैं कि कभी-कभी वे स्मार्टफोन में इतने लीन हो जाते हैं कि आसपास का होश नहीं रहता।   ..88%..84%..72%

चाहते तो हैं, पर समय नहीं दे पाते: लोग मानते हैं कि स्मार्टफोन के बदले जीवनसाथी के साथ ज्यादा समय बिताना उन्हें खुशी देता है, लेकिन इसके बाद भी वे कम समय बिताते हैं। ज्यादातर लोग इसमें बदलाव चाहते हैं।

 

सर्दी के तेवर नरम... एक सप्ताह कड़ाके की सर्दी के आसार नहीं

जयपुर. पहाड़ी इलाकों से गुजर रहे एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य में सर्दी के तेवर नरम बने हुए हैं। सोमवार को तापमान में 1 से 2 डिग्री की वृद्धि हुई। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार मंगलवार को विक्षोभ गुजर जाने के बाद फिर से उत्तरी हवा प्रभावी होगी। जिसके कारण तापमान में गिरावट होगी।

कुछ स्थानों पर न्यूनतम तापमान 3-4 डिग्री तक पहुंच सकता है। हालांकि, अगले एक सप्ताह तक राज्य में कड़ाके की सर्दी के कोई आसार नहीं है। फिलहाल प्रदेश में बरसात का कोई सिस्टम बनने के संभावना नहीं है, ऐसे में तापमान में हल्का उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।

अब 4-5 11 फरवरी को होगी सीईटी 12वीं स्तर परीक्षा

 

. राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा को स्थगित कर दिया है। पूर्व में यह परीक्षा 4-5 फरवरी को प्रस्तावित थी, अब यह फरवरी के अंतिम सप्ताह या फिर अप्रेल-मई में होने की संभावना है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की अभ्यर्थना इस सप्ताह आने के बाद भर्ती की तिथियां घोषित की जाएंगी। वहीं, बोर्ड ने सीईटी 12वीं स्तर व सीएचओ भर्ती परीक्षा की संशोधित तिथियां जारी कर दी हैं। 4, 5, 11 फरवरी को सीईटी सीनियर सेकंडरी लेवल की भर्ती परीक्षा होगी। पहले सीईटी सीनियर सेकंडरी लेवल की परीक्षा 18, 19, 25, 26 फरवरी को होनी थी। इसी के साथ सीएचओ भर्ती परीक्षा 19 फरवरी को होगी।

अभी 1500 पद बढ़ने की संभावना

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में पद बढ़ाए जा रहे हैं। अभी लेवल-2 के करीब 1500 पद बढ़ाए जा रहे हैं। शेष पद तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति के बाद बढ़ाए जाएंगे। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में 11 दिसंबर को बढ़ेंगे लेवल -2 के पद, तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा भी खिसकेगीशीर्षक से समाचार प्रकाशित कर पहले ही बता दिया था।

 

बेरोजगारी और नशे की लत से युवा हो रहे अपराधों में लिप्त, रोकथाम जरूरी

शिक्षक बोले- माता-पिता हमेशा करें मार्गदर्शन

समाजशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर अमिथी जस्रोटिया ने कहा कि माता-पिता कि जिम्मेदारी है कि अजीवन बच्चों को सही-गलत का ज्ञान देते रहें। वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका राव ने कहा कि युवाओं को समाज व देश के प्रति अपनी भूमिका समझनी होगी। पुलिस को भी अपराधियों में अपना डर बनाना होगा।

जयपुर. प्रदेश और देश में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच बड़ी चिंता का विषय ये है कि जिन युवाओं का अपराध से कोई लेना-देना नहीं है, वो भी वर्तमान में छोटे-छोटे मामलों को लेकर बड़े अपराध करने लगे हैं। कुछ ऐसे ही विचार निकलकर सामने आए सोमवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में आयोजित पत्रिका टॉक शो में। जिसका विषय बढ़ते अपराध और युवाओं की भूमिकारखा गया।

इस दौरान विद्याथियों ने बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने और युवाओं को भटकने से रोकने की दिशा में विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी व नशे की लत से युवा अपराधों में लिप्त हो रहे हैं।

छात्रा प्रियंका अग्रवाल और ट््विकल शर्मा ने कहा कि फिल्मों में अपराध करने के बाद आरोपी बच निकलता है। ऐसी कहानियां युवाओं को मिस गाइड करती हैं, इन पर रोक लगनी चाहिए। शौर्य जैमन और भारत भूषण यादव ने कहा कि बड़ी संख्या में युवा गैंगस्टर्स को सोशल मीडिया पर फॉलो करने लगे हैं, इस पर रोक लगनी चाहिए। हितेश यादव और अभिषेक चौधरी ने कहा कि हमें अपने संस्कारों और परम्पराओं को पुनर्जीवित करना होगा। छात्र कुश शर्मा ने कहा कि अपराधों की रोकथाम के लिए प्रत्येक नागरिक का जागरूक होना जरूरी है।

इन्होंने भी जताईचिंता

विजय पाल कुड़ी, देव पलसानिया, अरुण पारीक, अदिति पारीक, किरोड़ी लाल सैनी, विकास गोशियाल, रोहित मीणा, अदिति पुरोहित और रिंकू मीणा समेत अन्य विद्यार्थियों ने भी विचार व्यक्त किए।

साइबर अपराध व तकनीकी परेशानियों से निपटने लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

जयपुर. राजस्थान पुलिस ने बढ़ रहे साइबर अपराध लड़ने और तकनीकी में अपग्रेड होने के लिए एक कोर ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में प्रदेश के 2 हजार पुलिसकर्मियों में से 75 का चयन हुआ है। इन पुलिसकर्मियों को बगरू स्थित केन्द्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में 12 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीजीपी उमेश मिश्रा ने सोमवार को कोर ग्रुप के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डीजीपी मिश्रा ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की दक्षता अभिवृद्धि की आवश्यकता है। पुलिसकर्मियों के लिए यह प्रशिक्षण जरूरी है। प्रशिक्षण के बाद पुलिस को दूसरी एजेंसियों पर आश्रित नही रहना पड़ेगा।

दूरसंचार एवं तकनीकी के एडीजी सुनील दत्त ने बताया कि तकनीकी कोर ग्रुप सीसीटीएनएस परियोजना के संचालन के साथ-साथ एप्लीकेशन डेवलपमेंट, साइबर अपराध की रोकथाम, साइबर सुरक्षा एवं अन्य आईटी परियोजनाओं के साथ इंटीग्रेशन का कार्य प्रभावी रूप से करेगा।

यह अधिकारी भी रहे उपस्थित: एडीजी (प्रशिक्षण) सचिन मित्तल, डीआईजी शरत कविराज व केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर भी उपस्थित रहे

 

साइबर अपराध व तकनीकी परेशानियों से निपटने लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

 

जयपुर. राजस्थान पुलिस ने बढ़ रहे साइबर अपराध लड़ने और तकनीकी में अपग्रेड होने के लिए एक कोर ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में प्रदेश के 2 हजार पुलिसकर्मियों में से 75 का चयन हुआ है। इन पुलिसकर्मियों को बगरू स्थित केन्द्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में 12 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीजीपी उमेश मिश्रा ने सोमवार को कोर ग्रुप के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डीजीपी मिश्रा ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की दक्षता अभिवृद्धि की आवश्यकता है। पुलिसकर्मियों के लिए यह प्रशिक्षण जरूरी है। प्रशिक्षण के बाद पुलिस को दूसरी एजेंसियों पर आश्रित नही रहना पड़ेगा।

दूरसंचार एवं तकनीकी के एडीजी सुनील दत्त ने बताया कि तकनीकी कोर ग्रुप सीसीटीएनएस परियोजना के संचालन के साथ-साथ एप्लीकेशन डेवलपमेंट, साइबर अपराध की रोकथाम, साइबर सुरक्षा एवं अन्य आईटी परियोजनाओं के साथ इंटीग्रेशन का कार्य प्रभावी रूप से करेगा।

यह अधिकारी भी रहे उपस्थित: एडीजी (प्रशिक्षण) सचिन मित्तल, डीआईजी शरत कविराज व केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर भी उपस्थित रहे

 

 

शराब पीने से टोका तो पत्नी की गला दबाकर की थी हत्या

 

जयपुर. वैशाली नगर क्षेत्र में सात दिन पहले कमरे में मृत मिली महिला के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। महिला की उसके पति ने ही गला दबा कर हत्या की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि अजमेर के सागरवास निवासी राम सिंह यहां प्रेमपुरा में पत्नी के साथ रह रहा था। वह 28 नवम्बर को शराब पी कर घर पहुंचा। उसकी पत्नी ने शराब पीने पर टोका। इस बात को लेकर दोनों में झगड़ा हो गया। बात बढ़ने पर राम सिंह ने पत्नी सीता देवी का चुन्नी से गला दबा दिया। अचेत होने पर वह कमरे के ताला लगाकर भाग गया। 5 दिसम्बर को कमरे से दुर्गंध आने पर मकान मालिक ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने कमरे का ताला तोड़ा तो सीता देवी का शव मिला। एसीपी आलोक सैनी ने बताया कि घटना के बाद मृतका के पति को अजमेर से तलाशकर जयपुर लाया गया। उसने आवश्यक काम से अजमेर जाने की बात कही। 10 दिसम्बर को पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों ने बताया कि महिला की गला दबाकर हत्या की गई है। तब आरोपी ने पूछताछ की तो उसने हत्या करना कबूला। इस पर उसे गिरफ्तार कर 11 दिसम्बर को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे दो दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

 

 

चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो अपलोड, 45वां मामला दर्ज

जयपुर . राजधानी में सोशल मीडिया पर चाइल्ड पोर्न वीडियो अपलोड करने का एक और मामला सामने आया है। अब ऐसा मामला एयरपोर्ट थाने में दर्ज किया गया है।

अब तक राजधानी के विभिन्न थाना क्षेत्र से चाइल्ड पोर्न वीडियो अपलोड करने के 45 मामले सामने आ चुके हैं। कुछ प्रकरण में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। अन्य मामलों में वीडियो अपलोड करने वालों की पहचान की जा रही है। एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की टीम ने अब एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में एक मोबाइल से सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो अपलोड करने का मामला पकड़ा। एनसीआरबी की सूचना पर उपायुक्त ने एयरपोर्ट थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए।

 

18 साल तक के युवाओं की होंगी 32 निशुल्क जांचेंजन्मजात बीमारियों का भी होगा परीक्षण

 

गंभीर रोगियों का होगा उपचार

आंगनबाड़ियों और विद्यालयों में स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जाएगा जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। इन बच्चों का जिला अथवा प्रदेश स्तरीय अस्पताल में उपचार करवाया जाएगा। यदि राजस्थान के बाहर उपचार की आवश्यकता हुई तो उसकी भी निशुल्क व्यवस्था की जाएगी।

नई दिल्ली. राजस्थान में 0 से 18 साल तक के शिशु, बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बड़ी पहल की है। इन बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी करीब 32 प्रकार की जांचें निशुल्क होंगी, जिससे उनके स्वस्थ भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जल्द ही यह योजना कोटा, बूंदी, सीकर और दौसा में प्रारंभ होगी।

राजस्थान में 0 से 18 वर्ष के बच्चों और युवाओं की संख्या ढाई करोड़ से अधिक है। इन सभी का यदि कम उम्र में ही स्वास्थ्य परीक्षण हो तो उन्हें भविष्य में होने वाली किसी भी बीमारी या संभावित स्वास्थ्य खतरे से बचाया जा सकता है। इसके लिए फिलहाल तीन अलग-अलग योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उसके प्रभावी परिणाम नहीं आ रहे हैं। वहीं उन योजनाओं के माध्यम से से सभी बच्चों तक भी नहीं पहुंचा जा रहा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने सभी योजनाओं को समेकित कर इसके लिए यह कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें जमीनी स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को भी सम्मिलित किया जाएगा। इस योजना के तहत नवजात शिशुओं, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा राजकीय विद्यालयों में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

बैठक ली

योजना की तैयारियों को लेकर ओम बिरला ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी, संयुक्त सचिव विशाल चौहान, डॉ. पी अशोक बाबू व लोकसभा के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ महाजन, कल्याण अधिकारी डॉ. सौरभ शर्मा के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कार्य योजना इस प्रकार बनाई जाए कि हम अधिकतम बच्चों तक पहुंच कर उनकी जांच कर सकें।

शिविरों में बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के साथ उनके हृदय, कान, नाक, त्वचा, शारीरिक विकास में अवरोध के कारणों, गैर संक्रामक रोग, जन्मजात बीमारियों के साथ कई अन्य बीमारियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण के बाद बच्चों का डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा, जिसमें उनके परीक्षण संबंधी जानकारी अंकित होगी। कार्ड के जरिए चिकित्सक उनकी क्लिनिकल हिस्ट्री देख पाएंगे।

अग्निपथ योजना के जरिए संविदा भर्ती का निर्णय सही नहीं: बेनीवालकेंद्र सरकार के इस फैसले पर देशभर के युवा आंदोलित

 

नई दिल्ली. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख व नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने सेना जैसे संस्थान में अग्निपथ योजना के माध्यम से संविदा भर्ती का निर्णय किसी भी दृष्टि से सही नहीं है। इसे तत्काल वापस लेना चाहिए।

बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा के शून्यकाल में सेना में अग्निपथ योजना का मामला उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि केंद्र के इस फैसले के विरुद्ध राजस्थान सहित देश भर के युवा आंदोलित हैं। राजस्थान में रालोपा अग्निपथ के विरोध में प्रदेश भर में विरोध-प्रदर्शन करती रही है। 27 जून को जोधपुर में दो लाख से अधिक युवाओं की मौजूदगी में की गई रैली इसका उदाहरण है। सरकार को अब समझ जाना चाहिए कि युवा इस निर्णय के खिलाफ आंदोलित हैं। सांसद ने कहा कि अग्निपथ के माध्यम से ली जाने वाली संविदा भर्ती के चार वर्षों बाद युवाओं का क्या भविष्य होगा इस पर बहुत बड़ा सवालिया निशान है। उन्होंने कहा कि सरकार अग्निवीरों को रिटायरमेंट के बाद सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी देने की बात करती है, लेकिन पूर्व सैनिकों के लिए ग्रुप सी में 10 और ग्रुप डी में 20 प्रतिशत आरक्षित होने के बावजूद हकीकत में दो प्रतिशत से कम नौकरी ही दी जा सकी है। बेनीवाल ने पहले की तरह सेना भर्ती रैलियों का आयोजन दो वर्ष की आयु में छूट देते हुए प्रारंभ करने की मांग की।

 

यह साल रहा साउथ फिल्म इंडस्ट्री की सफलता के नाम

 

साल गुजरने के साथ ही इस साल रिलीज हुई फिल्मों का लेखा-जोखा और हार-जीत का मूल्यांकन भी शुरू हो गया है। दिसंबर में भी चार बड़ी फिल्में रिलीज होगीं जिनमें अवतार-2’, ‘गोविंदा नाम मेरा’ (ओटीटी), ‘सर्कसऔर डेढ़ लाख का दूल्हाशामिल हैं। बात करें, नफा-नुकसान की, तो इस साल हिंदी फिल्मों से ज्यादा दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री की फिल्मों ने दर्शकों को मनोरंजन और मेकर्स को छप्पर फाड़ कमाई दी है। इनमें भी कन्नड़ और तेलुगू सिनेमा की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा चांदी कूटी। कन्नड़ सिनेमा के लिए तो यह साल संजीवनी से कम नहीं रहा है। कन्नड़ फिल्म उद्योग ने इतिहास में सबसे बड़ी सफलता दर्ज की। वर्ष 2023 में भी कई बड़ी फिल्में रिलीज को तैयार हैं।

कन्नड़ इंडस्ट्री को संजीवनी

कांतारा’ और केजीएफ 2’ के साथ कन्नड़ सिनेमा दशकों बाद राष्ट्रीय मंच पर उपस्थिति दर्ज करा पाया, जबकि यहां करीब सौ सालों से फिल्म निर्माण हो रहा है। 2018 में केजीएफ: चैप्टर 1’ के बाद, ‘केजीएफ: चैप्टर 2’ कन्नड़ सिनेमा के इतिहास की पहली ऐसी फिल्म बन गई है, जिसने पहले ही दिन भारत में 134 करोड़ रुपए की कमाई की। बाकी कसर कांताराने पूरी कर दी। इसे हिंदी में दोबारा रिलीज किया गया और फिल्म ने रेकॉर्ड बना दिया।

2023 में सीक्वल का इंतजार

डबिंग कल्चर ने भाषाओं का भेद मिटाते हुए, दक्षिण फिल्म उद्योग की हर भाषा में बनने वाली बेहतरीन फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाने का काम किया है। कन्नड़ के बाद तेलुगू सिनेमा ने भी इस साल सफलता का स्वाद चखा। पुष्पाऔर आरआरआरके साथ तेलुगू सिनेमा ने बाहुबलीकी विरासत को आगे बढ़ाया है। अब दर्शक पुष्पा 2’, ‘सालार’, ‘इंडियन 2’, ‘पोन्नियिन सेलवन 2’, ‘केजीएफ 3’ और प्रोजेक्ट केजैसी फिल्मों की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं।

 

हुनर को हथियार बनाएं, बेरोजगारी को दूर भगाएंनई राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यावसायिक शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के साथ जोड़ने और सही प्रमाणीकरण के साथ उन्हें रोजगार लायक बनाने पर जोर देती है।कौशल युक्त युवा रोजगार पाने में सफल रहते हैं।

 

 

देश में बेरोजगारी की समस्या दूर करना चाहते हैं तो शिक्षा के बारे में दृष्टिकोण बदलना आवश्यक है। असल में हमारी शिक्षा प्रणाली डिग्री तो देती है, पर इससे रोजगार सुनिश्चित नहीं होता। हुनर ही एक ऐसा हथियार है, जो निश्चित रूप से किसी को भी रोजगार लायक बनाकर आजीविका कमाने में मदद करता है। देश में रोजगार योग्य हुनर के जानकारों की कमी अब भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। इसलिए देश के सामने शिक्षितों को रोजगार एक बड़ी समस्या है। इसका एक बड़ा कारण रोजगार योग्य कुशल स्नातक और स्नातकोत्तर देने में हमारी शिक्षा प्रणाली पिछड़ी हुई है।

दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है, जिसकी 64 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु वर्ग की है। वैश्विक बाजार में युवा कामगारों की मांग भी बहुत है, पर 90 प्रतिशत नौकरियां कुशलता पर आधारित हैं। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मात्र 4.7 प्रतिशत कामगार औपचारिक रूप से कुशल हैं। चीन में 24 प्रतिशत, अमरीका में 52, इंग्लैंड में 68, जर्मनी में 75, जापान में 80 और दक्षिण कोरिया में 96 फीसदी कामगार कुशल हैं। नेशनल पॉलिसी ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप-2015’ के मुताबिक 2022 के अंत तक 40 करोड़ लोगों को हुनरमंद करने का केंद्र सरकार का लक्ष्य था, पर अभी तक लगभग 4 करोड़ लोग ही विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित हो पाए हैं। रोजगारदाताओं की जरूरत और नौकरी चाहने वालों के कौशल के बीच मेल न होने से औद्योगिक गतिविधियों में भी बाधा आ रही है। कुशल कामगारों की मांग और उनकी उपलब्धता के बीच बड़ी खाई बनी हुई है। पूरा असंगठित क्षेत्र अर्र्ध-कुशल या अकुशल श्रमिकों पर निर्भर है। पूर्ण कुशल श्रमिकों की कमी की वजह से इनकी मांग ज्यादा है और उन्हें वेतन भी अच्छा मिलता है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 29 प्रतिशत प्रशिक्षित युवा बेरोजगार हैं, क्योंकि उनकी रोजगार पाने की क्षमता बेहतर नहीं है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विश्व स्तर पर मुकाबले के कारण, हम किसी भी परिस्थिति में गुणवत्ता और उत्पादन लागत से समझौता नहीं कर सकते। असंगठित क्षेत्र के कारखानों में काम करने वाले अर्ध-कुशल श्रमिक उत्पादन में समय भी अधिक खपाते हैं और तैयार माल की गुणवत्ता भी बेहतर नहीं होती। कुशलता की कमी सीधी हमारी शिक्षा प्रणाली से जुड़ी है। स्कूली स्तर से ही बच्चों को किसी कुशलता की ओर मोड़ने की जरूरत है, जिससे कि उच्च शिक्षा की ओर आगे न बढ़ने वाले बच्चों को स्कूली शिक्षा के बाद रोजगार पाने में कोई मुश्किल न हो। यदि कोई बढ़ई, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन या ब्यूटीशियन बनना चाहता है, तो उसे कम से कम विश्व स्तर का प्रमाणित कौशल प्राप्त करना होगा। इसके लिए हरेक स्कूल में शिक्षा के साथ कौशल प्रशिक्षण केंद्र हो। उच्च स्तर के कौशल के लिए राज्यों में कौशल विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाए।

हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा संस्थानों में वर्ष 2035 तक 3.50 करोड़ नई सीटों के साथ व्यावसायिक शिक्षा का अनुपात 50 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यावसायिक शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के साथ जोड़ने और सही प्रमाणीकरण के साथ उन्हें रोजगार लायक बनाने पर जोर देती है। इसके लिए आइआइटी और आइआइएम के बराबर कई विषयों की शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू ) स्थापित किए जाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मुताबिक वर्ष 2050 तक कम से कम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों के पास स्कूल और उच्च शिक्षा के माध्यम से व्यावसायिक अनुभव भी होगा। लक्ष्य यही है कि प्रत्येक बच्चे को कम से कम एक कौशल में पारंगत होना चाहिए, ताकि वह बेरोजगार न रहे।

नई शिक्षा नीति कुशलता और शैक्षणिक शिक्षा को अलग करके नहीं देखती। देश के सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी है, जिसमें पहली से कक्षा बारहवीं तक की कौशल विद्या भी शामिल है। वोकेशनल स्किल कोर्स शुरू होने से हर साल लाखों स्कूल ड्रॉप आउटको रोजगार की मुख्यधारा में शामिल किया जा सकेगा। असंगठित क्षेत्र के उद्योगों में गांवों और कस्बों के अकुशल श्रमिक अधिक हैं। यह सुनिश्चित करने की सख्त जरूरत है कि इन कामगारों की कुशलता भी बेहतर की जाए। कुशल कामगारों की पहचान करने के लिए राज्य सरकार के रोजगार कार्यालयों को ब्लॉक स्तर पर प्राइवेट सेक्टर के साथ साझेदारी करनी चाहिए। हर हाथ को कामके लिए उन्हें सही कुशलता प्रदान करना जरूरी है।

झुंझुनूं . खेतों में फल-सब्जियों की फसलों के साथ बिजली पैदा करने वाले किसानों की संख्या बढ़ रही है। गांवों में फसलों के साथ खेतों में सोलर पैनल खड़े नजर आ रहे हैं। किसान इससे न केवल लाखों रुपए की बिजली बचा रहे हैं बल्कि दिन में सिंचाई कर रात की ठंड और जंगली जानवरों के जोखिम से भी बच रहे हैं। पिछले दस साल में जितने किसनों ने यह तकनीक अपनाई है, उतने आवेदन एक साल में कृषि विभाग के पास आने लगे हैं। अकेले झुंझुनूं जिले की बात करें तो लगभग 5 हजार किसान ऐसे हैं जो खेतों में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा कर खेती कर रहे हैं। इतने ही आवेदन विभाग के पास लम्बित पड़े हैं।

इस साल 2500 आवेदन

कृषि विभाग के अनुसार झुंझुनू जिले में वर्ष 2010-11 से अब तक 2591 किसान अनुदान पर सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित कर चुके हैं। जबकि लगभग दो हजार लोग बिना अनुदान लिए सौर ऊर्जा आधारित ट्यूबवेल से खेती कर रहे हैं। खास बात यह है कि 2500 आवेदन विभाग के पास इस साल आ चुके हैं।

छह महीने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाया था। रोजाना का 150 रुपए का बिजली खर्च बच रहा है। करंट आदि का भय नहीं है। साथ ही दिन मेे सिंचाई हो जाने से सर्दी से भी बचाव हो रहा है। 

 

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आफताब श्रद्धा मर्डर Case Full Story 2023

 श्रद्धा को मारकर उसके लिव-इन पार्टनर आफताब ने आरी से ही शव के 35 टुकड़े किए थे। श्रद्धा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इससे 10 दिन पहले माइटोकॉन्ड्रियल DNA रिपोर्ट में श्रद्धा के बाल और हड्‌डी के सैंपल मैच होने की पुष्टि हुई थी। वहीं, पिछले महीने आई एक और DNA जांच में महरौली और गुरुग्राम के जंगलों में पुलिस मिली हड्डियां श्रद्धा की ही निकली थीं।  26 साल की श्रद्धा जिस फ्लैट में आरोपी आफताब के साथ रहती थी, वहां मिले खून के निशान भी श्रद्धा के खून से मैच कर गए हैं। पुलिस ने श्रद्धा के पिता के सैंपल लेकर यह DNA जांच कराई थी। इस तरह पुलिस ने तीन अहम जांचों में आरोपी के खिलाफ सबूत मिलने का दावा किया है। आरोपी आफताब पूनावाला ज्यूडीशियल कस्टडी में है। आफताब ने 18 मई को श्रद्धा का मर्डर किया था  दिल्ली पुलिस के मुताबिक 28 साल के आफताब ने 18 मई को 27 साल की श्रद्धा का मर्डर कर दिया था। दोनों लिव-इन में रहते थे। आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। वह 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में शव के टुकड़े फेंकने जाता था। नार्को और पॉली

ABOUTE UDAIPUR

Udaipur is known as a city that possesses water lakes filled with tranquility and is also popularly called the City of Dawn. This city is naturally beautiful and along with its beauty it also possesses a very wealthy social, natural and cultural heritage, ecological richness and aesthetic beauty. The scenic beauty of the city is preserved in its lakes, the opulent and serene Aravalis, pleasant gardens, harmonious monuments and abundant green vegetation. Lake Pichola is considered to be one of the treasured possessions of Udaipur that plays a very important role in adding to the beauty of the city and alluring visitors to the city from time to time. Udaipur, previously known as Mewar, is a very old kingdom in Rajasthan and it is typically found that even today the city instills great pride and seniority among the citizens. There can be absolutely no doubt in the fact that Udaipur is a city that possesses historic importance because it was the capital of Mewar that was ruled by Maharana