देश में कोरोना का खतरा:मनसुख मांडविया आज राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे, नई गाइडलाइंस हो सकती हैं जारी
भारत में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य
मंत्री मनसुख मांडविया आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य
मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीटिंग में कोरोना के नए वैरिएंट से लड़ने
के लिए नया प्लान बनाने पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही नई गाइडलाइंस भी जारी हो
सकती हैं।
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टर अनिल गोयल ने गुरुवार को कहा
कि भारत में लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी। IMA के मुताबिक,
चीन की तुलना में भारत के लोगों की इम्यूनिटी ज्यादा स्ट्रॉन्ग है।
भारत की 95% आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बनी है,
ऐसे में देश में लॉकडाउन नहीं लगेगा।
कोरोना से जुड़े अपडेट्स...
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तेलंगाना के
स्वास्थ्य मंत्री हरीश राव ने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही
लोगों से बूस्टर डोज लेने की अपील है।
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प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने रिव्यू मीटिंग की
गुरुवार को मीटिंग के दौरान PM मोदी ने मास्क
पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की। इसके अलावा उन्होंने टेस्टिंग बढ़ाने और
कोविड सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने पर जोर दिया। मीटिंग खत्म होने के कुछ ही
घंटे के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस जारी कर
दी।
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इसमें कोविड
प्रोटोकॉल का पालन करने और इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2% पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग करने का निर्देश दिया गया। 24 दिसंबर से इसे देशभर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लागू कर दिया जाएगा।
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PM की हाईलेवल
मीटिंग में क्या हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश में कोरोना की स्थिति
को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का
पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि त्योहार आ रहे हैं इसलिए लोग मास्क पहनें।
इसके अलावा उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग और कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के लिए भी कहा
है। उन्होंने अफसरों को खास तौर से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर चल रहे सर्विलांस
मेजर्स को मजबूत करने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने बुजुर्गों और बीमार
लोगों को बूस्टर डोज लेने की अपील की है।
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राज्यों को
बुनियादी ढांचा मजबूत करने का निर्देश
उन्होंने राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए
प्लांट, वेंटिलेटर और मानव संसाधन समेत अस्पताल के बुनियादी
ढांचों को तैयार रखने के लिए कोविड स्पेसिफिक सुविधाओं का ऑडिट करने की भी सलाह दी
है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि PM को दवाओं, टीकों और अस्पताल के बेड के संबंध में
पर्याप्त उपलब्धता की जानकारी दी गई। उन्होंने आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमतों
की नियमित निगरानी करने की सलाह दी है।
इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए
गाइडलाइंस में ये बातें...
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सभी
ट्रेवलर्स पूरी तरह वैक्सीनेडेट होने चाहिए। फ्लाइट्स में और एंट्री प्वाइंट्स पर
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जैसे-मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
करें।
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पैसेंजर में
कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट किया जाएगा।
फ्लाइट से उतरने के बाद भी उसे आइसोलेट किया जाएगा और ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
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फ्लाइट से
उतरते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एंट्री फ्वाइंट पर सभी पैसेंजर्स
की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
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स्क्रीनिंग
में किसी पैसेंजर में लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेट कर इलाज के लिए भेजा जाएगा।
इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की
रैंडम सैंपलिंग की जाएगी।
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इन पैसेंजर्स
का सिलेक्शन एयरलाइंस करेंगी, जो अलग-अलग देशों
के होंगे। सैंपल देने के बाद ही ये एयरपोर्ट से जा सकेंगे।
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यदि कोई
सैंपल पॉजिटिव निकला तो उसे जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब में भेजा जाएगा। ऐसे
पैसेंजर्स का प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा और उन्हें आइसोलेट किया
जाएगा।
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यात्रा से
लौटने पर सभी यात्री अपनी हेल्थ का ध्यान रखेंगे। यदि इनमें से किसी में लक्षण बाद
में दिखाई देते हैं तो वह नजदीकी हेल्थ सेंटर्स पर इसकी जानकारी देंगे।
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12 साल तक के
बच्चों को रेंडम सैंपलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, यात्रा के दौरान या उसके बाद लक्षण मिलने पर उनका स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के
हिसाब से इलाज किया जाएगा।
अब कोरोना से जुड़ी अब तक की
अपडेट्स पढ़ें...
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चीन से लौटे
गुजरात में भावनगर शहर के एक कारोबारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब उसे
सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए गांधीनगर भेजा गया है
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विदेश
मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- चीन की स्थिति पर हमारी नजर है। हमनें
अभी तक कोई ट्रेवल एडवायजरी नहीं जारी की है। लेकिन जो यात्री जिस देश के हैं, वहां के गाइडलाइंस उन्हें फॉलो करने चाहिए।
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सीरम
इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 18 साल और उससे
अधिक उम्र के उन लोगों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में अपने कोवोवैक्स वैक्सीन के
लिए DCGI की मंजूरी मांगी है। ये वैक्सीन उन लोगों को दी जा
सकेगी जिन्हें कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराकें दी गई हैं।
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केंद्र सरकार
ने बताया- कोरोना के इलाज के लिए गंगा नदी के पानी पर रिसर्च को लेकर राष्ट्रीय
स्वच्छ गंगा मिशन से हमें किसी भी प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। इधर, दिल्ली एम्स में भी एक बार फिर से मास्क
जरूरी कर दिया गया है।
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सरकारी
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया- चीन
से भारत और भारत से चीन के लिए कोई सीधी फ्लाइट नहीं है। अभी चीन से आने वाली
कनेक्टिंग फ्लाइट को रोकने का आदेश जारी नहीं हुआ है।
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कोरोना को
लेकर राज्यों ने भी की मीटिंग, जाने किसने क्या कहा...
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1. राजस्थान:
भीड़-भाड़ वाले एरिया में रैंडम सैंपलिंग के आदेश राजस्थान में हेल्थ डिपार्टमेंट ने
कोरोना को लेकर गाइड लाइन जारी की है। भीड़-भाड़ वाले एरिया में रैंडम सैंपलिंग के
आदेश जारी किए हैं। ये सैंपलिंग रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड,
सब्जी मंडी समेत अन्य जगहों पर की जाएगी। इसके साथ ही पीएचसी,
सीएचसी और हॉस्पिटल आने वाले संदिग्ध मरीजों के भी सैंपल लेने के
निर्देश दिए हैं। सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO)
को निर्देश दिए है कि इसके लिए अब हर संदिग्ध मरीज के सैंपल लेकर
उसकी जांच करवाई जाए और पॉजिटिव मिलने पर उसे जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भिजवाया
जाए।
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2. मध्यप्रदेश: निगरानी के लिए हर
हफ्ते होगी मीटिंग
मध्यप्रदेश में अब हर हफ्ते कोविड की निगरानी रखने के लिए बैठक
होगी। आज विधानसभा के शीतलकालीन सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात
कही। नए कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के सैंपल का जीनोम टेस्ट कराया जाएगा। टेस्ट के लिए
सैंपल भोपाल के एम्स और ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (DRDO) भेजे जाएंगे। राज्य सरकार ने यह फैसला बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य
मंत्रालय से देशभर में कोविड के संक्रमण का अलर्ट जारी होने के बाद लिया है।
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3. गुजरात: मेडिकल
सुविधाओं की हुई समीक्षा
चीन में बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें
सतर्क हो गई हैं। गांधीनगर में स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल की अध्यक्षता में
समीक्षा बैठक हुई। इसमें प्रदेश में कोविड 19 की स्थिति पर
चर्चा की गई। इसके अलावा प्रदेश में ऑक्सीजन, दवा, कोविड केयर सेंटर, टीकाकरण जैसी सुविधाओं की समीक्षा
की गई। शहरी क्षेत्रों और जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं क्या हैं? बैठक में इस पर भी चर्चा हुई।
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4. महाराष्ट्र:
सरकार का जोर टेस्टिंग और ट्रैकिंग पर
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि हम 5
पॉइंट (टेस्टिंग, ट्रैक, उपचार, टीकाकरण और COVID-उपयुक्त
व्यवहार सुनिश्चित करना) दोहराएंगे। हवाई अड्डे पर 2% यात्रियों
की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी। इसके अलावा राज्य में अस्पताल में बेड्स, जरूरी स्टाफ और मेडिकल जरूरतों की व्यवस्था को पुख्ता करने का काम कर रहे
हैं।
अफगानिस्तान में महिलाओं को घरों
में कैद करने की कोशिश:तालिबान ने पढ़ाई रोकी, बालिग महिलाओं के
मस्जिद में जाने पर भी रोक
अफगानिस्तान में तालिबान शासन महिलाओं के अधिकारों का
बर्बरतापूर्वक दमन कर रहा है। बीते साल अगस्त में तालिबान ने सत्ता पर कब्जा करने
के बाद ही शिक्षा, नौकरियों और उनकी
आवाजाही पर प्रतिबंध लगाकर महिलाओं को घरों में कैद करने के लिए नियमों में बदलाव
करने शुरू कर दिए थे।
फैसले लागू करने मौलवियों का
सहारा लिया
दुनिया को दिखाने के लिए अपने फैसले लागू करने के लिए मौलवियों का
सहारा लिया। उनकी सरकारी और प्राइवेट नौकरियों पर रोक लगवा दी। आगे बढ़ने से रोकने
के लिए तालिबान सुरक्षाबलों ने महिलाओं को डराया, धमकाया,
हिरासत में लेने से लेकर अगवा तक किया गया।
अफगानिस्तान की महिला अधिकार कार्यकर्ता खदीजा अहमदी ने
बताया कि तालिबान ने महिलाओं को जज या वकील के रूप में कोर्ट में प्रैक्टिस करने
से रोक दिया है। सत्ता पर कब्जा करने से पहले अफगानिस्तान में लगभग 300 महिला जज थीं। तालिबान के चलते इन सभी को
देश से निकलना पड़ा।
हजारों परिवार पाकिस्तान, ईरान, तुर्की जा चुके
खदीजा के मुताबिक तालिबान का रवैया महिलाओं की सामाजिक स्थिति और
मनोवैज्ञानिक रूप से गंभीर है। तालिबान महिलाओं को दोयम दर्जे के नागरिक के रूप
में स्थापित करना चाहता है। विशेष रूप से युवा पुरुषों और लड़कों को वर्चस्ववादी
और महिलाओं को घर और अपने काम में उपयोग की वस्तु बना देना चाहता है।
प्रतिबंधों के चलते हजारों परिवार महिलाओं को लेकर
पाकिस्तान, ईरान और तुर्की
जैसे पड़ोसी देशों में जा चुके हैं। पाकिस्तान उन देशों में शीर्ष पर है, जहां हाल के महीनों में बड़ी संख्या में अफगान शरणार्थी पहुंचे हैं।
अधिकांश छात्र अब पाकिस्तान में पढ़ रहे हैं।
शिक्षकों को आदेश- किसी उम्र की
लड़की को न पढ़ाएं
तालिबान ने लड़कियों को यूनिवर्सिटी में पढ़ने पर रोक लगाने के बाद अब
महिलाओं को पूरी तरह शिक्षा से दूर करने वाला कदम उठाया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के
अनुसार, तालिबान ने लड़कियों के प्राथमिक स्कूलों में जाने
पर रोक लगा दी है। शिक्षकों से कहा गया है कि वे अब किसी भी उम्र की लड़कियों को
नहीं पढ़ा पाएंगे। शिक्षा मंत्रालय व शरिया कानून लागू करने वाले मंत्रालय के
अधिकारियों की बैठक में इस पर फैसला लिया गया।
बालिग महिलाएं मस्जिद में भी नहीं
जा सकेंगी
तालिबान ने एक और सख्ती की है। उसने वयस्क महिलाओं के मस्जिदों में
प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। महिला अधिकार कार्यकर्ता खदीजा के मुताबिक तालिबान के
आने के बाद अफगानिस्तान में जो सुधार 20 साल में हुए थे,
अब उन पर अंकुश लग चुका है। इससे एक दिन पहले ही लड़कियों को
यूनिवर्सिटी में पढ़ने से रोकने के आदेश के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। सबसे
ज्यादा छात्र कांधार व जलालाबाद में हुए।