श्रद्धा को मारकर उसके लिव-इन पार्टनर आफताब ने आरी से ही शव के 35 टुकड़े किए थे। श्रद्धा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इससे 10 दिन पहले माइटोकॉन्ड्रियल DNA रिपोर्ट में श्रद्धा के बाल और हड्डी के सैंपल मैच होने की पुष्टि हुई थी। वहीं, पिछले महीने आई एक और DNA जांच में महरौली और गुरुग्राम के जंगलों में पुलिस मिली हड्डियां श्रद्धा की ही निकली थीं।
26 साल की श्रद्धा जिस फ्लैट में आरोपी आफताब के साथ रहती थी, वहां मिले खून के निशान भी श्रद्धा के खून से मैच कर गए हैं। पुलिस ने श्रद्धा के पिता के सैंपल लेकर यह DNA जांच कराई थी। इस तरह पुलिस ने तीन अहम जांचों में आरोपी के खिलाफ सबूत मिलने का दावा किया है। आरोपी आफताब पूनावाला ज्यूडीशियल कस्टडी में है।
आफताब ने 18 मई को श्रद्धा का मर्डर किया थादिल्ली पुलिस के मुताबिक 28 साल के आफताब ने 18 मई को 27 साल की श्रद्धा का मर्डर कर दिया था। दोनों लिव-इन में रहते थे। आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे। इन्हें रखने के लिए 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। वह 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में शव के टुकड़े फेंकने जाता था।
नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट में भी कबूली थी हत्या की बात
पिछले महीने आफताब का नार्को टेस्ट किया गया था। इसमें उसने श्रद्धा के मर्डर की बात कबूली थी। दिल्ली के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में 2 घंटे तक आफताब का नार्को टेस्ट चला था। आफताब ने टेस्ट में पूछे गए ज्यादातर सवालों के जवाब अंग्रेजी में दिए। उसने पॉलीग्राफ टेस्ट में भी श्रद्धा की हत्या की बात कबूल की थी, हालांकि तब उसने कहा था कि उसे हत्या का अफसोस नहीं है।
क्राइम शो वेब सीरीज देखकर जुर्म छिपाने का आइडिया आया
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, आफताब वेब सीरीज और खासतौर पर क्राइम शोज देखने का आदी था। इन्हीं को देखकर उसने यह सीखा कि कैसे श्रद्धा को फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में जिंदा दिखाया जाए। श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आरी से काटकर फ्रिज में सुरक्षित रखने और उसे 18 दिन तक लगातार जंगलों में ठिकाने लगाने का आइडिया भी इन्हीं वेब सीरीज और क्राइम शोज से सीखा था। गूगल के जरिए उसने खून साफ करने का तरीका भी ढूंढ़ा था।
श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब पूनावाला की ज्यूडिशियल कस्टडी 14 दिन और बढ़ा दी गई है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। इस दौरान कोर्ट के सामने आफताब ने कस्टडी में पढ़ने के लिए कानून की कुछ किताबों की मांग की है।
दिल्ली के श्रद्धा वॉकर मर्डर केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। साथ ही हत्या के आरोपी आफताब की दरिंदगी और डरावने चेहरे की कहानी भी छनकर सामने आ रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने जिस कमरे में श्रद्धा की डेड बॉडी के टुकड़े फ्रिज में रखे थे, वह उसी कमरे में लगातार 18 दिन सोता रहा। इतना ही नहीं वह रोज फ्रिज खोलकर श्रद्धा के कटे हुए सिर को भी देखता था।
इधर, आफताब को लेकर एक डॉक्टर अनिल कुमार का बयान सामने आया है। डॉक्टर का दावा है कि आफताब मई में सुबह के समय उनके क्लिनिक आया था। उसका हाथ कटा हुआ था और खून भी निकल रहा था। वह बहुत आक्रामक और बेचैन लग रहा था। मैंने उसके हाथ में स्टिच भी किए थे। जब मैंने चोट के बारे में पूछा तो उसने कहा कि फल काटते समय उसका हाथ कट गया था।
दो दिन पहले पुलिस आफताब को लेकर मेरे क्लिनिक आई थी। पुलिस ने मुझसे उसके इलाज के बारे में पूछा। मैंने उसकी पहचान की। डॉक्टर ने आगे बताया कि जब वह इलाज के लिए आया तो काफी कॉन्फिडेंट था। आंखे मिलाकर बाते कर रहा था। वह अंग्रेजी में बोल रहा था। उसने मुझे बताया कि वह मुंबई से है और दिल्ली आया है क्योंकि यहां IT सेक्टर में अच्छे अवसर हैं।
बता दें कि दिल्ली पुलिस दावा कर रही है कि मई में ही आफताब ने श्रद्धा की हत्या की थी और आरी से उसके शव के 35 टुकड़े कर बड़े से फ्रिज में रख दिया था। वह लगातार 18 दिन तक शव के कुछ टुकड़े उठाता और जंगल में ले जाकर फेंक आता।